Love shayari ; love romantic shayri
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एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है!
इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है!
उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद!
फिर भी हर मोड़ पर उसी का इन्तज़ार क्यों है!
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एक ग़ज़ल तेरे लिए ज़रूर लिखूंगा;
बे-हिसाब उस में तेरा कसूर लिखूंगा;
टूट गए बचपन के तेरे सारे खिलौने;
अब दिलों से खेलना तेरा दस्तूर लिखूंगा।
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मुद्दत से कोई शख्स रुलाने नहीं आया;
जलती हुई आँखों को बुझाने नहीं आया;
जो कहता था कि रहेंगे उम्र भर साथ तेरे;
अब रूठे हैं तो कोई मनाने नहीं आया।
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सुबकती रही रात अकेली तनहाइयों के आगोश़ में,
और वो काफिऱ दिन से मोहब्बत कर के उसका हो गया।
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“आंसू पौछकर हंसाया है मुझे
मेरी गलती पर भी सीने से लगाया है मुझे
कैसे प्यार न हो ऐसे दोस्त से
जिसकी दोस्ती ने जीना सिखाया है मुझै ”
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“प्यार गुनाह है तो होने ना देना
प्यार खुदा है तो खोने ना देना
करते हो प्यार जब किसी से तो
कभी उस प्यार को रोने ना देना ”
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“आप पास रहे या दूर
हम दिल से दिल की आवाज मिला सकते है
ना खत के, ना टेलिफोन के मौहजात है हम
आपके दिल को एक हिचकी से हिला सकते है हम ”
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“बिकता अगर प्यार जो कौन नहीं खरीदता
बिकती अगर खुशियां तो कौन उसे बेचता
दर्द अगर बिकता तो हम आपसे खरीद लेते
और आपकी खुशियों के लिए हम खुद को बेच देते”
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“कोई ऐसा दोस्त बनाया जावे
जिसके आंसू को पलकों में छुपाया जाये
रहे उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसा
कि अगर वो उदास हो तो हमसे भी ना मुस्कुराया जावें ”
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“दिल में बसता है दिल ए यार
जब चाहा सर झुकाया और कर लिया दिदार
आखों में है आपके प्यार का सरूर
आप ही ना जाने हमारा क्या कसूर ”
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